Tossed, diced and examined

A group of bright PhD researcher at the School of Oriental and African Studies, London, aided and abetted by their teachers, hosted a conference in 2007. The collection of papers presented then has come out as a very interesting book, “Indian Mass Media and the Politics of Change”,


भगत सिंह का इंकलाब, जिंदाबाद

प्रतिबद्ध वार्ताकार, ज्ञानशील, जोशीला व प्रशंसनीय – इनमें किसी भी एक गुणवाला युवा फूलकर कुप्पा हो सकता है। लेकिन अगर किसी एक व्यक्ति में ये सभी, बल्कि इनसे भी कहीं बहुत ज्यादा गुण हों तो क्या होगा? निस्संदेह वह एक गाथा होगा – शहीद।